Ghutan Ke Pandrah Minute Harishankar Parsai Ka Vyangya
"घुटन के पन्द्रह मिनट" : हरिशंकर परसाई जी का व्यंग्य एक सरकारी दफ्तर में हम लोग एक काम से गए थे – संसद सदस्य तिव…
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Chunav Ke Ye Anant Ashawan: Vyangya by Harishankar Parsai
चुनाव के ये अनंत आशावान चुनाव के नतीजे घोषित हो गए | अब मातमपुर्सी का काम ही रह गया है | इतने बड़े-बड़े हारे हैं कि मुझ जैसे की हिम्मत मातम…
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Jiski Chhod Bhagi hai Vyangya Harishankar Parsai
'जिसकी छोड़ भागी है' (विचारोत्तेजक व्यंग्य): हरिशंकर परसाई यह जो आदमी मेरे सामने बैठाहै, जवान है और दुखीहै | जवान आदमी को…
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