'ईश्वर नहीं है और बिल्कुल नहीं है,
जिसने ईश्वर को रचा है वह बेवकूफ है,
जो ईश्वर का प्रचार करता है वह दुष्ट है,
जो ईश्वर की पूजा करता है वह बर्बर है।'
ग्रेट ई वी रामासामी पेरियार ईश्वर से सवाल करते हैं:
1. प्रश्न
क्या तुम कायर हो जो हमेशा छिपे रहते हो, कभी किसी के सामने नहीं आते?
2. प्रश्न
क्या तुम खुशामद परस्त हो जो लोगों से दिन-रात पूजा, अर्चना करवाते हो?
3. प्रश्न
क्या तुम हमेशा भूखे रहते हो जो लोगों से मिठाई, दूध, घी, तेल आदि लेते रहते हो?
4. प्रश्न
क्या तुम मांसाहारी हो जो लोगों से निर्बल पशुओं की बली मांगते हो?
5. प्रश्न
क्या तुम सोने के व्यापारी हो जो मंदिरों में लाखों टन सोना दवाये बैठे हो?
6. प्रश्न
क्या तुम व्याभिचारी हो जो मंदिरों में देवदासियां रखते हो?
7. प्रश्न
क्या तुम कमजोर हो जो हर रोज होने वाले बलात्कारों को रोक नहीं पाते?
8. प्रश्न
क्या तुम मूर्ख हो जो विश्व के देशों में गरीबी -भुखमरी होते हुए भी अरबों रुपयों का अन्न, दूध,घी, तेल बिना खाए ही नदी नालों में बहा देते हो?
9. प्रश्न
क्या तुम बहरे हो जो बेवजह मरते हुए आदमी, बलात्कार होती हुई मासूमों की आवाज नहीं सुन पाते?
10. प्रश्न
क्या तुम अंधे हो जो रोज अपराध होते हुए भी नहीं देख पाते हो?
11. प्रश्न
क्या तुम आतंकवादियों से मिले हुए हो जो रोज धर्म के नाम पर लाखों लोगों को मरवाते रहते हो?
12. प्रश्न
क्या तुम आतंकवादी हो जो यह चाहते हो कि लोग तुमसे डर कर रहे?
13. प्रश्न
क्या तुम गूंगे हो जो एक शब्द तक नहीं बोल पाते हो लेकिन करोड़ों लोग तुम से लाखों सवाल पूछते हैं?
14. प्रश्न
क्या तुम भ्रष्टाचारी हो जो ग़रीबों को कभी कुछ नहीं देते जबकि गरीब पशुवत काम करके कमाये गये पैसे कतरा -कतरा तुम्हारे ऊपर न्योछावर कर देते हैं?
15 प्रश्न
क्या तुम मूर्ख हो कि हम जैसे नास्तिकों को पैदा किया जो तुम्हें खरी-खोटी सुनाते हैं और तुम्हारे अस्तित्व को नकारते हैं?
भगवान के कारनामे जिससे सभी लोग (विज्ञान) हैरान हैं :-
"नास्तिक" होना आसान नहीं कोई भी "नासमझ" इंसान "ईश्वर" के अस्तित्व को मानकर फ्री हो जाता है उसके लिए उसे "बुद्धि" की जरूरत नहीं परंतु नास्तिक होने के लिए "दृढ़ विश्वास और साहस" की जरूरत होती है ऐसी "योग्यता" उन लोगों के पास होती है जिनके पास "प्रखर तर्क बुद्धि" होती है "अंधश्रद्धा" ऐसा "केमिकल" है जो ईश्वर को मूर्ख बनाने में काम आता है।
हिंदू धर्म का विचित्र इतिहास :-
1. मंदोदरी "मेंढक" से पैदा हुई थी।
2. "श्रृंगी ऋषि" "हिरणी" से पैदा हुए थे।
3. "सीता" मटकी से पैदा हुई थी।
4. "गणेश" अपनी मां के "मैल" से पैदा हुए थे।
5. "हनुमान" के पिता "कान" से पैदा हुए थे।
6. हनुमान का पुत्र मकरध्वज था जो मछली के मुख से पैदा हुआ था।
7. मनु सूर्य के पुत्र थे उनको छींक आने पर एक लड़का पैदा हुआ था।
8. राजा दशरथ की तीन रानियों के 4 पुत्र थे जो फलों की खीर खाने से पैदा हुए थे।
9. सूर्य कर्ण का पिता था भला सूर्य संतान पैदा कैसे कर सकता है वह तो आग का गोला है।
10. "ब्रह्मा" ने तो चार वर्ण यहां वहां से निकाले थे हद है।
अछूत का बनाया हुआ "चमड़े का ढोल" मंदिर में बजाने से अपवित्र नहीं होता।
"अछुत" मंदिर में चला जाए तो मंदिर "अपवित्र" हो जाता है।
उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं की धोल किस जानवर की चमड़ी से बना है।
उनके लिए मरे हुई जानवर की चमड़ी पवित्र होती है।
पर जिंदा "अछुत" अपवित्र...।
"लानत है ऐसे धर्म पर" ...।।।
"बुद्धिजीवी" प्रकाश डालें।
दिमाग की बत्ती जलाओ अंधविश्वास भगाओ।।
यदि "पूजा-पाठ" करने से ही "बुद्धि" और "शिक्षा" आती
तो "पंडो" की औलादें ही विश्व में वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर होते।
" वहम्" से बचें अपने बच्चों को "उच्च शिक्षा" दिलवाये क्योंकि "शिक्षा" से ही वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर और शासक बनते हैं "पूजा -पाठ" से नहीं।
अतः वहम् का कोई इलाज नहीं...
और शिक्षा का कोई जवाब नहीं...।
"शिक्षित रहो"
" संगठित रहो"
"संघर्ष करो" - इरोड वेंकट नायकर रामास्वामी
ई वी रामास्वामी पेरियार जी का पूरा नाम- इरोड वेंकट नायकर रामास्वामी
प्रसिद्ध नाम- इवीआर, पेरियार, वाइकम आदि।
रामास्वामी का जन्म- 17 सितंबर 1879ई. तमिलनाडु में हुआ था।
(24 सितंबर 1973 में निधन हो गया).
इवीआर- राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, सुधारवादी तथा लेखक थे।
पार्टी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जस्टिस पार्टी, द्रविड़ कड़गम।
बतौर नेता का सफर-
1919 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में
शामिल।
1922- मद्रास प्रेसीडेंसी कांग्रेस समिति केे अध्यक्ष बने।
1924- पेरियार ने वायकाम सत्याग्ररह किया।
1925- कांग्रेस से इस्तीफा देकर 'सेल्फ रेस्पेक्ट' आंदोलन छेड़ा।
1929- अपना उपनाम 'नायकर' को छोड़ा।
1938- 'तमिलनाडु तमिलों केेे लिए' नारा दिया।
1944- जस्टिस पार्टी का नाम बदल कर 'द्रविड़ कड़गम' किया।
रामास्वामी की खास बातें-
* 15 साल की उम्र में पिता से अनबन के चलते घर छोड़ दिया।
* प्रशंसक उन्हें पेरियार कहते। इसका मतलब पवित्र आत्मा या सम्मानित व्यक्ति।
* द्रविड़ आंदोलन शुरू कर जस्टिस पार्टी बनाई जो बाद में द्रविड़ कड़गम हुई।
* उन्हें एशिया के सुकरात की संज्ञा दी गई।
* ब्राह्मणवाद के विरोधी थे और रावण को अपना नायक मानते थे।
* बाल विवाह, देवदासी प्रथा, स्त्रियों और दलितों के शोषण के खिलाफ खड़े हुए।
* सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण का प्रस्ताव रखा।
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