लोकसभा सीटों (सदस्यों) की संख्या
राज्य। संख्या।
उत्तर प्रदेश। 80।
महाराष्ट्र। 48।
पश्चिम बंगाल। 42।
बिहार। 40।
तमिल नाडु। 39।
मध्य प्रदेश। 29।
कर्नाटक। 28।
गुजरात। 26।
राजस्थान। 25।
उड़ीसा। 21।
केरल। 20।
तेलंगाना। 17।
झारखंड। 14।
असम। 14।
पंजाब। 13।
छत्तीसगढ़। 11।
हरियाणा। 10।
जम्मू कश्मीर। 6।
उत्तराखंड। 5।
हिमाचल प्रदेश। 4।
मेघालय। 2।
अरुणाचल प्रदेश। 2।
गोवा। 2।
मणिपुर। 2।
त्रिपुरा। 2।
सिक्किम। 1।
मिजोरम। 1।
नागालैंड। 1।
संघीय क्षेत्र (केंद्र शासित प्रदेश) में लोकसभा की सदस्यों की सीटें
दिल्ली। 7।
पुदुचेरी। 1।
चंडीगढ़। 1।
दादर व नगर हवेली । 1।
अंडमान निकोबार। 1।
लक्षद्वीप। 1।
दमन एवं दीव। 1।
* लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है, जस का सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है। लोकसभा अपनी पहली बैठक की पश्चात यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है।(अनुच्छेद 81 के अनुसार)।
* मूल संविधान में लोकसभा के सदस्य संख्या 500 निश्चित की गयी है। अभी इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। इनमें से अधिकतम 503 सदस्य राज्यों की निर्वाचन क्षेत्रों में से व अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों में निर्वाचित किये जा सकते हैं एवं राष्ट्रपति आंग्ल भारतीय वर्ग के अधिकतम 2 सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं।वर्तमान में लोकसभा सदस्यों की संख्या 545 है। इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से 13 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं और दो सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रुप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं। (अनुच्छेद 331 में दर्ज है।)
* नए परिसीमन के बाद लोकसभा में अनुसूचित जातियों के लिए 84 स्थान एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 47 स्थान आरक्षित किए गए हैं। (अनुच्छेद 330 में दर्ज है)।
लोकसभा की सदस्यता के लिए निम्न योग्यताएं अनिवार्य हैं:
1. वह व्यक्ति भारत का नागरिक को।
2. उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो।
3. भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत वह कोई लाभ के पद पर नहीं हो।
4. वह पागल व दिवालिया न हो।
याद रखें!
* लोकसभा का अधिकतम कार्यकाल सामान्यत: 5 वर्ष का होता है।
मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई होती है [अनुच्छेद 75(3) के अनुसार]
* प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोकसभा को समय की पूर्व भी बंद किया जा सकता है, ऐसा अब तक 8 बार (1970, 1977, 1979, 1984, 1989, 1991, 1997, 1999) में किया गया है।
* आपातकाल की घोषणा लागू होने पर विधि द्वारा संसद लोकसभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है, जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। 1976 में लोकसभा का कार्यकाल 2 बार एक-एक वर्ष के लिए बढा़या गया था।
* लोकसभा एवं राज्यसभा के अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा ही बुलाये स्थगित किए जाते हैं। लोकसभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
* लोकसभा की गणपूर्ति या कोरम कुल सदस्य संख्या का दसवां भाग (55 सदस्य) होता है।
* संविधान के अनुच्छेद 108 में संसद के संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था है। संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा यह 3 स्थितियों में बुलाया जा सकता है- विधेयक एक सदन से पारित होने के बाद जब दूसरे सदन में जाए; तब यदि 1. दूसरे सदन द्वारा विधायक अस्वीकार कर दिया गया हो, 2. विधेयक पर किए जाने वाले संशोधनों के बारेे में दोनों सदन अंतिम रूप से सहमत हो गए हैं, 3. दूसरे सदन को विधेयक प्राप्त होनेे की तारीख से उसके द्वारा विधेयक पारित किए बिना 6 महीने से अधिक बीत गए हो।
नोट: अनुच्छेद 108 द्वारा निर्धारित संयुक्त बैठक की प्रक्रिया सामान्य विधायन तक ही सीमित है। संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए संयुक्त बैठक नहीं हो सकती। संविधान संशोधन विधेयक दोनों सदनों में अलग-अलग पारित होना चाहिए। संविधान संशोधन अनुच्छेद 368 (2) द्वारा शासित होता है।
* संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष के द्वारा की जाती है [अनुच्छेद 118 (4)] संयुक्त बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति के दौरान सदन का उपाध्यक्ष या यदि वह भी अनुपस्थित है, तो राज्यसभा का उपसभापति या यदि, वह भी अनुपस्थित है, तो ऐसा अन्य व्यक्ति पीठासीन होगा, जो उस बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा आधारित किया जाए।
* लोकसभा में 1 दिन में तारांकित प्रश्नों की अधिकतम संख्या 20 होती है।
* धन विधेयक के संबंध में लोकसभा का निर्णय अंतिम होता है। इस संबंध में संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नहीं है।
* 2001 में संसद द्वारा पारित 84 वे संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभाओं की सीटों की संख्या 2026 तक यथावत रखने का प्रावधान किया गया है।
* लोकसभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा वयस्क मताधिकार (18 वर्ष) के आधार पर होता है।
* 61 वें संविधान संशोधन (1989)के अनुसार भारत में अब तक 18 वर्ष की आयु प्राप्त व्यक्ति को वयस्क माना गया है।
* लोकसभा में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए, राज्यवार जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान किया गया है (-अनुच्छेद 330)। यह प्रावधान प्रारंभ में 10 वर्ष के लिए किया गया था, किंतु इसे संविधान संशोधन द्वारा 10-10 वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जाता रहा है। वर्तमान में 95 संविधान संशोधन (2009) द्वारा अनुच्छेद - 334 में संशोधन कर लोकसभा में अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों की आरक्षण तथा आंग्ल भारतीयों को मनोनीत करने संबंधी प्रावधान को 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इसे भी जाने!
* सबसेेेे अधिक मतदाता लोकसभा क्षेत्र --बाहरी दिल्ली (33,68,399)।
* सबसे कम मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र-लक्षद्वीप(39,033)।
* क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र--लद्दाख (1,71,266.37km²)।
* क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा लोकसभा क्षेत्र--चांदनी चौक, दिल्ली (10,59km²)।
लोकसभा के अध्यक्ष
लोकसभा। अध्यक्ष।
पहली। गणेश वासुदेव मावलंकर, एम. अनंतसयनम आयंगर।
दूसरी। एम. अनंतसयनम आयंगर।
तीसरी। हुकुम सिंह।
चौथी। नीलम संजीव रेड्डी, गुरुदयाल सिंह ढिल्लो।
पांचवी। गुरुदयाल सिंह ढिल्लो, बलिराम भगत।
छठी। नीलम संजीव रेड्डी, के एस हेगड़े।
सातवीं। बलीराम जाखड़।
आठवीं। बलराम जाखड़।
नौवीं। रवि राय।
दसवीं। शिवराज वी. पाटिल।
ग्यारहवीं। पी.ए. संगना।
बारहवीं। जी.एम.सी. बालयोगी।
तेरहवीं। जी.एम.सी. बाल योगी, मनोहर गजानंद जोशी।
चौदहवीं। सोमनाथ चटर्जी।
पंन्द्रहवीं। मीरा कुमार।
सोलहवीं। सुमित्रा महाजन।
* प्रथम लोकसभा का कार्यकाल 17 अप्रैल, 1952 से 4 अप्रैल, 1957 तक रही।
* प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष श्री जी.वी.(गणेश वासुदेव) मावलंकर एवं उपाध्यक्ष एम. अनंतशयनम थे।
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