रेडक्लिफ ब्राउन के सामाजिक संरचना संबंधी विचार
(Social Structure according to Redcliff Brown)
रेडक्लिफ ब्राउन ने अंडमान द्वीप समूह एवं आस्ट्रेलिया की जनजातियों के क्षेत्रीय अध्ययन के दौरान उन जनजातीय समूहों के सदस्यों के बीच पाये जाने वाले नातेदारी संबंधों का अध्ययन किया एवं तुलनात्मक अध्ययन पद्धति का सहारा लेते हुए अध्ययन के दौरान सामाजिक संरचना और प्रकार्य की अवधारणा को विकसित किया। जैसा कि पूर्व में स्पष्ट किया जा चुका है कि रेडक्लिफ ब्राउन ने नृतत्वशास्त्रीद्वय 'रिवर्स' और 'हेड्डन' के निर्देशन में नृतत्व अध्ययन किया था जिससे उन्हें समाज को तथ्यपरक अनुभाविकता के साथ समझने की दृष्टि मिली। उल्लेखनीय है कि रेडक्लिफ ब्राउन पर फ्रेंच समाजशास्त्री इमाइल दुर्खीम का भी प्रभाव था। वहीं दूसरी ओर वे हरबर्ट स्पेंसर के जैविक सावयव के आधार पर सामाजिक सावयव की व्याख्या से भी प्रभावित थे। दुर्खीम ने यह स्पष्ट किया था कि एक समान मूल्यों, सामाजिक व्यवहार और सामूहिक मूल्यों की साझेदारी से समाज में सामूहिक चेतना जन्म लेती है। समाज के नियम सामाजिक तथ्य हैं। यह समाज के सभी व्यक्तियों के लिये बाहरी होते हुए भी व्यक्तियों पर नियंत्रण रखते हैं। स्पेंसर ने जैविक सावयव के आधार पर सामाजिक सावयव की अवधारणा दी। क्षेत्रीय अध्ययन से प्राप्त तथ्यों एवं इन सभी विचारों के सम्मिलित प्रभाव के ब्राउन ने सामाजिक संरचना के संबंध में यह स्पष्ट किया कि पश्चात् रेडक्लिफ ब्राउन ने
सामाजिक संरचना के संबंध में यह स्पष्ट किया कि— सामाजिक संरचना एक अमूर्त कल्पना न होकर एक आनुभविक तथ्य है। सामाजिक संरचना के अंग मनुष्य ही हैं और स्वयं संरचना संस्था द्वारा परिभाषित एवं नियमित संबंधों में लगे व्यक्तियों की एक व्यवस्थित क्रमबद्धता है।" (A convenient use as is to define social structure an arrangement of persons in institutionally controlled or defined relationships.)
रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार सामाजिक संरचना सामाजिक संबंधों का जाल है।
सामाजिक संरचना को तभी समझा जा सकता है जब समूह में व्यक्तियों के बीच परस्पर संबंधों को देखा जाए। समूह में व्यक्ति से व्यक्ति के बीच संबंध अन्तःक्रिया की बारंबारता से विकसित होते हैं। जो कि वैयक्तिक हितों की पूर्ति में सहायक होते हैं। रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार वैयक्तिक हितों की पूर्ति से साहचर्य के संबंध विकसित होते हैं जिनका निर्धारण संस्थागत नियमों से होता है। तात्पर्य यह है कि संस्था व्यक्तियों के बीच संबंधों को नियमों के आधार पर व्यवस्थित करती है। उदाहरण के लिये भारत में जाति व्यवस्था द्वारा सामाजिक संबंधों के निर्धारण को भारतीय समाज की सामाजिक संरचना में देखा जा सकता है। रेडक्लिफ ब्राउन का ऐसा मानना था कि समूह में व्यक्ति अपनी प्रस्थिति आधारित भूमिका का निर्वाह करते हैं। भूमिका अपेक्षा नियमों से निर्देशित होती है। रेडक्लिफ ब्राउन सामाजिक संरचना को समझाने में दो बातों को स्पष्ट करते हैं- पहला, समाज की संरचना एवं दूसरा संरचनात्मक स्वरूप तात्पर्य यह है कि समाज की संरचना वास्तविक संबंधों पर आधारित होती है और संरचनात्मक स्वरूप इन संबंधों को प्रतिमानित आधार पर बनाये रखते हैं। संरचनात्मक स्वरूप समाज के मानक हैं एवं संस्थाओं द्वारा निर्दिष्ट होते हैं। संस्थाएँ व्यक्ति के परस्पर अपेक्षित व्यवहार को परिभाषित करती हैं। जिससे नियमबद्धता पनपती है। किन्तु सदैव ऐसा ही हो यह आवश्यक नहीं। कभी-कभी कुछ व्यक्ति इन परिभाषित नियमों का उल्लंघन भी करते हैं। किन्तु प्रतिबंधों की व्यवस्था व्यक्तियों के व्यवहार का नियमन करती है। रेडक्लिफ ब्राउन ने स्पष्ट किया कि समाज की संरचना में व्यक्तियों के आने-जाने (जन्म और मृत्यु) से वास्तविक संबंध प्रभावित होते हैं। किन्तु संरचनात्मक स्वरूप बने रहने से सामाजिक संरचना की निरंतरता बनी रहती है। उदाहरण के लिये परंपरागत हिन्दू समाज व्यवस्था में पिता की मृत्यु के बाद पिता की निर्धारित भूमिका का निर्वाह परिवार में बड़ा पुत्र करने लगता है।
रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार सामाजिक संरचना स्थानीय विशेषताओं से प्रभावित होती है। ब्राउन के अनुसार दो समाजों की संरचना का तुलनात्मक अध्ययन करें तो यह आवश्यक होगा कि उनकी स्थानीय विशेषताओं को भी जानें स्थानीय विशेषताएँ हमारे सांस्कृतिक तरीकों को प्रभावित करती हैं। संस्कृति समाज में जीने का ढंग होती है। चूँकि स्थानीय विशेषताएँ भिन्न-भिन्न होती हैं, अतः संस्कृति की भिन्नता भी तुलनात्मक रूप से स्पष्ट हो जाती है। इस तरह अलग-अलग समाजों की संरचना को समझा जा सकता है।
रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार सामाजिक जीवन में संरचनात्मक विशेषताओं का पता लगाने के लिये समुदाय के अंदर रहने वाले व्यक्तियों की श्रेणियों, वर्गों, जातियों आदि को खोजना आवश्यक है। ऐसा इसलिये है ताकि समूह में व्यक्तियों के अंतःसंबंध को, उनकी गतिविधियों को संगठन की विशेषताओं के आधार पर समझा जा सके। सामाजिक संगठन को परिभाषित करते हुए रेडक्लिफ ब्राउन ने लिखा है कि— “दो या दो से अधिक व्यक्तियों की क्रियाओं की वह व्यवस्था जिससे सामूहिक क्रियाएँ संभव होती हैं, संगठन कहलाती हैं।" सामाजिक संरचना और संगठन की स्थिति को जानने के लिये रेडक्लिफ ब्राउन ने एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच युग्मीय संबंध का उल्लेख किया है। जैसे- मालिक-नौकर, पति-पत्नी, भाई-बहन, मामा-भाँजे इत्यादि ।
रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार सामाजिक संरचना की इकाइयों में परस्पर प्रकार्यात्मक संबद्धता होती है। अर्थात् संरचनात्मक इकाइयों की प्रकार्यात्मक भूमिका होती है। तात्पर्य यह है कि किसी भी संरचना का अस्तित्व उसके द्वारा व्यवस्था के लिये किये गये प्रकार्यों द्वारा ही समझा जा सकता है।
सामाजिक संरचना में निरंतरता एवं स्थायित्व भी पाया जाता है। रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार सामाजिक संरचना एक निरंतर गतिशीलता है। सामाजिक संरचना में विभिन्न इकाइयों में प्रतिमानित संबंध होते हैं। यही कारण है कि रेडक्लिफ ब्राउन ने संस्था द्वारा परिभाषित और नियमित संबंधों में लगे व्यक्तियों की क्रमबद्धता को सामाजिक संरचना माना। रेडक्लिफ ब्राउन के अनुसार क्षेत्र विशेष के सामाजिक जीवन की संरचनात्मक विशेषताएँ संस्थागत संबंधों की व्यवस्था में दृष्टिगत होती हैं और सामाजिक जीवन की समग्रता का आभास कराती है।
उक्त विवेचन के आधार पर रेडक्लिफ ब्राउन द्वारा दी गई सामाजिक संरचना की अवधारणा से सामाजिक संरचना की निम्नलिखित विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं
1. सामाजिक संरचना एक अमूर्त कल्पना न होकर एक आनुभविक तथ्य है।
2. सामाजिक संरचना में निरंतरता एवं स्थायित्व होता है।
3. सामाजिक संरचना एक गतिशील निरंतरता है।
4. सामाजिक संरचना में व्यक्ति से व्यक्ति के बीच संबंध संस्था द्वारा परिभाषित होते हैं।
5. सामाजिक संरचना का स्थानीय पहलू होता है।
6. सामाजिक संरचना की इकाइयाँ प्रकार्यात्मक आधार पर अंतःसंबंधित होती हैं।
7. सामाजिक संरचना में संगठन की क्रियाएँ युग्मीय संबंधों के आधार पर देखी जा सकती हैं।
8. ब्राउन के अनुसार सामाजिक संरचना की क्रमशः आकारिकी (बाह्य संरचना), शारीरिकी (आंतरिक संरचना) होती है आंतरिक संरचना में व्यक्तियों के व्यवहारों के आधार पर समाज में आवश्यक कार्य संपन्न होते हैं एवं इन्हीं कार्यों के आधार पर समाज की बाह्य संरचना अर्थात् अकार्य की अस्तित्व में आती है। व्यक्तियों के संबंध जैसे होंगे उस आधार पर समाज में मूल्य, नैतिकता, शिक्षा, शासन आदि का स्वरूप निर्धारित होगा।
इसे एक बार जरूर देखें और पढ़ें नीले रंग के अक्षरों पर क्लिक करके 👇👇
Answer of question in English language. Google Translate
Explain the ideas of social structure of Radcliffe Brown.
Answer: Radcliffe Brown's ideas of social structure
(Social Structure according to Redcliff Brown)
Radcliffe Brown studied the kinship relations found between the members of those tribal groups during the field study of the tribes of Andaman Islands and Australia and developed the concept of social structure and function during the study using comparative study method. . As explained earlier, Radcliffe Brown studied dance under the direction of ethnographers 'Reverse' and 'Hayden', which gave him a vision to understand society with factual empiricism. It is noteworthy that Radcliffe Brown was also influenced by the French sociologist Emile Durkheim. On the other hand, he was also influenced by Herbert Spencer's definition of social organism on the basis of biological element. Durkheim made it clear that common values, social behavior and sharing of collective values lead to collective consciousness in the society. The laws of society are social facts. Despite being external to all the people of the society, they keep control over the individuals. Spencer gave the concept of social energy on the basis of biological element. Brown made it clear about the social structure of the facts obtained from field studies and the combined effect of all these ideas that after Radcliffe Brown
With respect to social structure, it has been clarified that- social structure is not an abstract imagination but an empirical fact. Humans are the parts of the social structure and the structure itself is an orderly sequence of persons engaged in regular relationships defined by the institution." (A convenient use as is to define social structure an arrangement of persons in institutionally controlled or defined relationships.)
According to Radcliffe Brown, social structure is a web of social relations.
Social structure can be understood only when the interactions between individuals in a group are observed. Individual-to-person relationships in a group develop from the frequency of interactions. Which are helpful in the fulfillment of individual interests. According to Radcliffe Brown, relations of association develop from the fulfillment of individual interests, which are determined by institutional rules. It implies that the institution organizes the relations between individuals on the basis of rules. For example, the determination of social relations by the caste system in India can be seen in the social structure of Indian society. Radcliffe Brown believed that individuals in a group perform their status based roles. Role expectation is guided by rules. Radcliffe Brown makes two things clear in explaining the social structure- first, the structure of society and secondly the structural form implies that the structure of the society is based on real relations and the structural forms maintain these relations on the model basis. Structural forms are the norms of the society and are specified by the institutions. Institutions define the mutually expected behavior of the individual. Which creates orderliness. But it is not necessary to be like this always. Sometimes some individuals even violate these defined rules. But the system of sanctions regulates the behavior of individuals. Radcliffe Brown clarified that the actual relationship is affected by the movement of individuals (birth and death) in the structure of society. But the continuity of the social structure is maintained by maintaining the structural form. For example, in the traditional Hindu social system, after the death of the father, the eldest son in the family starts fulfilling the assigned role of the father.
According to Radcliffe Brown, social structure is influenced by local characteristics. According to Brown, if we make a comparative study of the structure of two societies, it will be necessary to know their local characteristics as well, local characteristics influence our cultural methods. Culture is the way of life in a society. Since local characteristics are different, the difference in culture also becomes comparatively clear. In this way the structure of different societies can be understood.
According to Radcliffe Brown, in order to find out the structural features in social life, it is necessary to find the categories, classes, castes etc. of the people living within the community. This is so that the interrelationship of the individuals in the group, their activities can be understood on the basis of the characteristics of the organisation. Defining social organization, Radcliffe Brown has written that- “The arrangement of activities of two or more persons by which collective actions are possible is called organization.” To know the social structure and the status of organization, Radcliffe Brown wrote Mentioned the pair relationship between one person to another such as owner-servant, husband-wife, brother-sister, maternal uncle-nephew etc.
According to Radcliffe Brown, the units of social structure have a functional relationship with each other. That is, structural units have a functional role. This means that the existence of any structure can be understood only by the functions performed by it for the system.
Continuity and stability are also found in the social structure. According to Radcliffe Brown, social structure is a continuous dynamic. There are patterned relationships among the various units in the social structure. It is for this reason that Radcliffe Brown considered the hierarchy of individuals to be defined by institution and engaged in regular relationships as a social structure. According to Radcliffe Brown, the structural features of the social life of a particular region are reflected in the system of institutional relations and give an impression of the totality of social life.
On the basis of the above discussion, the following features of social structure are clear from the concept of social structure given by Radcliffe Brown.
1. Social structure is not an abstract imagination but an empirical fact.
2. There is continuity and stability in the social structure.
3. Social structure is a dynamic continuum.
4. In the social structure, the individual-to-person relationship is defined by the institution.
5. Social structure has a local aspect.
6. The units of the social structure are interrelated on a functional basis.
7. The activities of organization in the social structure can be seen on the basis of pair relations.
8. According to Brown, the social structure has morphology (external structure), physical (internal structure) respectively, based on the behavior of individuals in the internal structure, necessary functions are performed in the society and on the basis of these functions, the external structure of the society i.e. non-functioning. of comes into existence. The nature of values, morality, education, governance etc. will be determined in the society on the basis of the relationship of individuals.
एक बार जरूर देखें और पढ़ें
इसे भी पढ़ें
साथियों अगर आपको यह पोस्ट (जानकारी) अच्छी लगी हो तो इसे आप अपने दोस्तों जानकारों में व्हाट्सऐप फेसबुक ग्रुप स्टेटस आदि पर शेयर करें।
अगर ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जैसे महापुरुषों एवं महामाताएं के अनमोल विचार, कहानी, निबंध, उपन्यास आदि पढ़ना सुनना हो तो यूट्यूब पर सर्च करें 👉 epustakalay धन्यवाद। या फिर इस लिंक 🔗 को कॉपी करें और देखें 👇👇
https://youtube.com/channel/UCy3G2MI15QPPUzcpNwAFIeQ
धन्यवाद 📚✍️🙏