☸️बुद्ध धम्म (धर्म) में पाणिग्रहण (विवाह)
संस्कार कब और कैसे??☸️
विवाह संस्कार दो परिवारों और दो दिलो को जोड़ने के लिए है जो कि अंधविश्वास पाखंड बिल्कुल नहीं जुड़ सकते हैं।
कर्ज लेकर विवाह करने से बाद में विवाद होता है और दोनों परिवार में आंतरिक क्लेश होता है।
👉विवाह के लिए सही मौसम और सही समय 🧭
विवाह संस्कार अगर सही मौसम में करते हैं तो सभी कार्य अच्छे से हो जाते हैं इसलिए विवाह के लिए सही मौसम जब सर्दी जा रही हो और गर्मी की शुरुआत हो और दूसरा वर्षांत खत्म हो रहा हो और सर्दी की शुरुआत हो तो उचित होता है।
सही मौसम
1-जैसे कि फरवरी के अंतिम सप्ताह से मई के पहले सप्ताह में,
2-सितंबर के पहले अंतिम से दिसंबर के पहले सप्ताह में।
सही ✔️समय 🕒
विवाह संस्कार सही उम्र और सही समय पर होना जरूरी है।
सही ✔️उम्र लड़की की 18+
लड़के की उम्र 21+
और विवाह किसी भी दिन कोशिश करें कि बुधवार या रविवार के 🌇 दिन में ही करना चाहिए रात्री में नहीं।
दिन में लगभग 11बजे से लेकर सायं 6 बजे तक ही करना उचित होगा।
विवाह के लिए जरूरी वस्तुएँ
👉घोड़ा घोडी और बैंड-बाजे फिजूल खर्चीली है कोशिश करें कि कम से कम खर्चे से ही विवाह करें।
निर्दोष पशुओं को प्रताड़ित न करें।
कोशिश करें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा ले या 🚙 कार बाइक 🚲 🚚🚛रिक्शा का प्रयोग स्कूटी का ही प्रयोग करें।
👉ढोल 🥁 म्यूजिक आंबेडकरवादी सांग पर ढोलक की आवाज 🔉 पर आप खूब डांस कर सकते हैं।
👉सजावट के लिए लाइटिंग और पंचशील 🇪🇺 ध्वज तथागत गौतमबुद्ध और सिंबल आफ नॉलेज बोधिसत्व भारत रत्न बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो, प्रियदर्शी सम्राट अशोक, जयोतिबाराव फुले और प्रथम महिला साबित्रीबाई फुले, रविदास, कबीर दास, पेरियार रामासामी नायकर आदि के पोस्टर लगायें।
👉विवाह समारोह में संस्कार के लिए,वस्तुएँ
तथागत गौतमबुद्ध प्रियदर्शी सम्राट अशोक और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. आंबेडकर की मूर्ति या फोटो और भारतीय संविधान
👉फूल माला, फूल ज्यादा होना चाहिए पांच मोमबत्तियाँ अगरबत्ती का पैकेट पंचशील ध्वज, माचिस, एक लोटा जल और थाली आदि।
बौद्ध भिक्षु और बौद्धाचार्य
अगर बौद्ध भिक्षु और बौद्धाचार्य दोनों हो तो बहुत अच्छा है नहीं कोई भी एक व्यक्ति संस्कार करवा सकता है।
विवाह संस्कार कैसे करायें??
तथागत बुद्ध, बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आंबेडकर और प्रियदर्शी सम्राट अशोक की मूर्तियां या फोटो ऊंचे स्थान पर लगायें जिसमें तथागत गौतमबुद्ध का स्थान थोडा ऊपर रखें और बीच में रखें।
बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. आंबेडकर और प्रियदर्शी सम्राट अशोक के फोटो पर फूल माला डालें और तथागत गौतमबुद्ध के चरणों पर फूल 🌸 डालें।
🌹बुद्ध धम्म दीक्षा🌹
अगर वर वधू पहले ही धम्म दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं तो बहुत अच्छी बात है अगर धम्म दीक्षित नहीं है तो शर्व प्रथम वर वधू को और जो भी लोग धम्म दीक्षा ग्रहण करना चाहते हैं बुद्ध धम्म दीक्षा होगी जिसमें त्रिशरण, पंचशील और बाबा साहब डॉ आंबेडकर द्वारा निर्धारित 22 प्रतिज्ञाओं सहित बुद्ध धम्म अपनायेंगे ।
💞समर्पण विधि💞
सर्व प्रथम बौद्ध भिक्षु या बौद्धाचार्य एक मोमबत्ती जलायेंगे उसके बाद वधू पक्ष और वर पक्ष के माता-पिता एक मोमबत्तियाँ जलाकर तथा तथागत गौतमबुद्ध के चरणों पर फूल अर्पित करेंगे।
इस प्रकार से पांचो मोमबत्तियाँ जलाकर संस्कार का भीमारंभ करते हैं।
भिक्षु या बौद्धाचार्य त्रिशरण और पंचशील का करेंगे।
तत्पश्चात बौद्ध आचार्य द्वारा कन्या समर्पण कन्या के पिता द्वारा कराया जाए - -
👨❤️👨कन्या के माता- पिता /अभिभावक द्वारा समर्पण👨❤️👨
बौद्धाचार्य कन्या के पिता द्वारा तीन बार
👉 नमो तस्य भगवतो अर्हतो सम्मासमबुदधस्य
का उच्चारण करायें।
उसके बाद इस प्रकार कहलवायें
👉 मै..... अपना नाम लेकर... तथागत बुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर अपनी प्रिय पुत्री आयुष्मति... पुत्री का नाम... लेकर, जिसका पालन पोषण आज तक हमने किया है आज से उपासक... वर के पिता का नाम लेकर... को उनकी पुत्र वधू के रूप में समर्पित करता हूँ।
हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारा यह पवित्र बंधन दोनों परिवारों की सुख-समृद्धि में साधक सिद्ध होगा।
दूसरी और तीसरी बार भी मै ऐसा ही कहता हूं।
साधु 🙏साधु 🙏साधु 🙏
💒👉 वर के माता पिता /अभिभावक द्वारा
अनुमोदन (स्वीकार)💒
वर के पिता - अभिभावक से इसकी स्वीकृति स्वरूप तीन बार
नमो तस्य भगवतो अर्हतो सम्मा समबुद्धस्य
का उच्चारण कराया जाये और ऐसा कहलवायें
👉 मै... अपना नाम लेकर... तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस समाज को साक्षी मानकर यह वचन देता हूं कि कि आज से जो दायित्व मुझे उपासक... वधू के पिता का नाम.. 1128 ने सौपा है उसे मै जीवनभर निभाऊंगा। और इस पुत्री का अपनी पुत्री के समान ही उचित देखभाल करूंगा।
यह मै दूसरी और तीसरी बार पुष्टी करता हूँ।
👸कन्या द्वारा समर्पण 👸
👉 मै... अपना नाम लेकर... तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह वचन देती हूं कि आज से मै अपने आप को उपासक... वर का नाम.. को पत्नी के रूप में समर्पित करती हूं इन्हें पति के रूप में स्वीकार करती हू और इसे मै जीवनभर निभाऊंगा। और उनके परिवार को उचित दूँगी और उचित देखभाल करूंगी
यह मै दूसरी और तीसरी बार पुष्टी करती हूँ।
🧑वर द्वारा अनुमोदन 🧑
👉 मै... अपना नाम लेकर... तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह वचन देता हूं कि आज से मै अपने आप को उपासकी . वधू का नाम.. को पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूं। और इसे मै जीवनभर निभाऊंगा। और इनका उचित देखभाल करूंगा जीवनभर इस रिश्ते को निभाऊंगा।
यह मै दूसरी और तीसरी बार पुष्टी करता हूँ।
👨👨👦👦मिलन संस्कार👨👨👧👧
इसके पश्चात वर के पिता
वधू के पिता
वर और वधू आपस में इस प्रकार से मिलते हैं हाथ मिलाते हैं।
1-वर के पिता का हाथ हथेली उपर की ओर
2-वर के पिता के हाथ के ऊपर वर का हाथ हथेली ऊपर की ओर
3-वधू का हाथ वर के हाथ के ऊपर हथेली नीचे की ओर
4- वधू के पिता का हाथ वधू के हाथ के ऊपर हथेली नीचे की ओर
तत्पश्चात एक व्यक्ति लोटे के जल को चारो हाथों के उपर से गिरायेगा नीचे किसी थाली में ही पानी गिरना चाहिए
बौद्धाचार्य निम्नलिखित सुत का पाठ करेंगें
👉 इच्छित पत्थितं तुह्यं खिप्पमेय समिज्झितु।
सब्बे पूरेंन्तु चित्त संकप्पा चंन्दो पन्नरसो यथा।।
👉सब्बीतियो विव्वजन्तु सब्ब रोगों विनस्तु।
मा ते भवत्वन्तरायो सुखी दीघायुको भव।।
इसका हिन्दी में इस प्रकार है
तुम्हारी मांगी हुई वस्तुएं तुम्हें शीघ्र प्राप्त हो
तुम्हारे चित्त के सभी संकल्प पूर्णिमा के चंद्रमा के समान पूरे हो
सभी आपदाएं दूर हो जायें, सभी रोग कष्ट दूर हो तुम्हें कोई कष्ट न हो सुखी और दीर्घायु हो।
इस सुत को तीन तीन बार पढें और सारा जल थाली में गिराकर थाली का जल किसी भी 🌱 पौधे पर डाल दें।
👸इसके वाद वर और वधू प्रतीज्ञा लेंगे🧑
वर की पांच प्रतीज्ञाएं
नमो तस्य भगवतो अर्हतो सम्मा समबुद्धस्य
तीन बार उच्चारण करायें
तत्पश्चात वर द्वारा पांच प्रतीज्ञाएं करायें
👉 मै... अपना नाम लेकर... तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह प्रतीज्ञा लेता हूं कि जीवनभर मन वचन और कर्म से जीवन भर इसका पालन करूंगा। जीवनभर इस रिश्ते को निभाऊंगा।
1-मै यह प्रतीज्ञा करता हू कि सदैव अपनी पत्नी का करूंगा।
2-मै यह प्रतीज्ञा करता हूँ मै कभी भी अपनी पत्नी का अपमान नहीं करूंगा और न ही किसी से अपमानित होने दूँगा।
3-मै यह प्रतीज्ञा करता हूँ कभी भी पर स्त्री पर कामाचार नहीं करूंगा और शराब जुआ आदि किसी भी प्रकार का नशा नहीं करूंगा।
4-मै सम्यक आजीविका के अनुसार कर्म करते हुए अपनी पत्नी और अपने माता-पिता का मान सम्मान करूंगा और उचित देखभाल करूंगा।
5-मै सम्यक आजीविका के अनुसार कार्य करते हुए अपनी पत्नी के सुख दुख का ध्यान रखूंगा और वस्त्र आभूषण से खुश रखने की कोशिश करूंगा।
मै दूसरी ओर तीसरी बार भी यही प्रतीज्ञा करता हूँ।
आज से मै उपासिका..... को अपनी पत्नी स्वीकार करता हूँ।
👉 मै अपना नाम लेकर...पुनः तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह प्रतीज्ञा लेता हूं कि जीवनभर मन वचन और कर्म से जीवन भर इसका पालन करूंगा। जीवनभर इस रिश्ते को निभाऊंगा।
💞वधू की पांच प्रतीज्ञाएं 💞
मै... अपना नाम लेकर... तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह प्रतीज्ञा लेती हूँ कि आज से मै मन वचन और कर्म से पांच प्रतीज्ञाओ का पालन करूंगी और जीवनभर सत्यनिष्ठा से पालन करूंगी।
1-मै यह प्रतीज्ञा करती हूँ कि अपने घर को सभी कार्य को भली प्रकार से करने की कोशिश करूंगी।
2-मै यह प्रतीज्ञा करती हूँ मै अपने सास-ससुर और परिवार के सभी सदस्यों की उचित देखभाल करूंगी।
3-मै यह प्रतीज्ञा करती हूँ कि मैं कभी भी मिथ्याचार या पर पुरूष गमन नहीं करूंगी। और अपने पति के विश्वास को कभी भी धोखा नहीं दूंगी।
4-मै यह प्रतिज्ञा करती हूँ कि अपने पति द्वारा अर्जित धन की रक्षा करूंगी और और पति के कार्य में हमेशा साथ दूंगी.
5-मै यह प्रतिज्ञा करती हूं आलस्य रहित होकर अपने सभी कार्य को समय से पूरा करने की कोशिश करूंगी।
मै यह दूसरी ओर तीसरी बार भी प्रतिज्ञा करती हूँ.
मै अपना नाम लेकर...पुनः तथागत सम्यक समबुद्ध और बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर यह प्रतीज्ञा लेती हूं कि जीवनभर मन वचन और कर्म से जीवन भर इसका पालन करूंगा। जीवनभर इस रिश्ते को निभाऊंगी ।
तत्पश्चात वर वधू दोनों अपने दोनों हाथ जोड़कर उपस्थित समाज को जय भीम 💪 नमो बुद्धाय 🙏 कहते हैं।
उसके बाद सभी बैठ जाते हैं बौद्ध भिक्षुओं द्वारा जय मंगल गाथा गाते हैं और उपस्थित समाज पति पत्नी के उपर फलों की वर्षा करते हैं।
💐वरमाला 💐
तत्पश्चात वर वधू के गले में वर माला डालता है और वधू वर के गले वर माला डालती है और उपस्थित समाज उन्हे अपना आशिर्वाद देते हैं।
अंत में सर्वसुखगाथा और सरणंतय का पाठ करते हुए विवाह 💒 संस्कार संपन्न होता ग्रुप के सभी मेंबर को मेरा जय भीम नमो बुद्धाय है। बौद्ध धर्म से शादी में कभी कोई झंझट नहीं होता मेरी शादी 24 मई 2006 में हुई थी बौद्ध धर्म से अच्छा जीवन चल रहा है जितेन्द्र गौतम पत्नी नीलम गौतम बेटी shrasti Goutam बेटा sansar Goutam ग्राम मोरखी बड़ी पोस्ट मछण्ड तहसील मिहोना थाना रौन विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड राज्य मध्य प्रदेश मोबाइल नं. 📱 9893641333📞9893582333
भवतु सब्ब मंगलं 💐🌹👏🏻
🙏 नमो बुद्धाय जय भीम 🙏
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अपना और अपने लोगों का जीवन बेहतर बनाये अंधविश्वास, पुरानी परंपराओं को अभी त्यागें 🙏
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