जिसकी छोड़ भागी है : हरिशंकर परसाई का व्यंग्य

 'जिसकी छोड़ भागी है' (विचारोत्तेजक व्यंग्य): हरिशंकर परसाई 

                यह जो आदमी  मेरे सामने बैठाहै, जवान है और दुखीहै |
जवान आदमी को दुखी देखने से पाप लगता है |
मगर मजबूरी में पाप भी हो जाता है |
 बेकारी से दुखी जवानों को सारा देश देख रहा है और सबको पाप लग रहा है |
 सबसे ज़्यादा पाप उन भाग्यविधाताओं को लग रहा है, जिनके कर्म, अकर्म और कुकर्म के कारण वह बेकार है |
 इतना पाप और फिर ये ऐसे भले- चंगे! क्या पाप की क्वालिटी गिर गई है? उसमें भी मिलावट होने लगी है 

नहीं, आप गलत समझे | यह जवान बेकारी के कारण दुखी नहीं है | नौकरी उसकी है | नौकरी बीवी की मांग करती है- तो शादी उसने कर ली थी | हाल में उसकी बीवी उसे छोड़कर एक पैसेवाले के घर में बैठ गई है | वह दुखी है | मैं उसके दुख को महसूस करने की कोशिश करता हूँ | पर कैसे कर सकता हूँ? मैं जिसकी न कभी हुई, न भागी, वह उसके दुख को महसूस नहीं कर सकता | वह गलत आदमी के पास सलाह लेने आ गयाहै | उसे ऐसे आदमी के पास जाना चाहिए था जिसकी भाग चुकी है और उससे पूछना था कि भैया, ऐसे मौके पर क्या किया जाता है। बहरहाल, मैं सुन रहा हूं और समझने की कोशिश कर रहा हूँ | इसकी तनख्वाह कम है | इतने में पत्नी के पद पर बने रहना उस औरत की शोभा नहीं दिया | उसे ज़्यादा रुपयों की बीवी बनना था | यह आदमी आमदनी नहीं बढ़ा सका | घूस लेना इससे बनता नहीं है | घूस से पारिवारिक जीवन सुखी होता है | मेरे एक पुराने पड़ोसी बिक्रीकर विभाग में थे और भरपेट घूस खाते थे | उनकी बीवी उन्हें इतना प्यार करती थी कि मर जाते तो उनकी चिता पर सती हो जाती | उसे यह कतई बरदाश्त न होता कि पति तो स्वर्ग में घूस खाए और वह यहां उसके लाभ से वंचित रह जाए | कितने सुखी लोग थे | शाम को सारा परिवार भगवान की आरती गाता था जय जगदीश हरे! भगवान के सहयोग के बिना शुभ कार्य नहीं होते | आरती में आगे आता– सुख-सम्पत्ति घर आवे! शाम को यह बात कही जाती और सुबह बनियों के लाल वस्त्रों में बंधी सुख-सम्पत्ति चली आती |जिस दिन घूसखोरों की आस्था भगवान पर से उठ जाएगी, उस दिन भगवान को पूछनेवाला कोई नहीं रहेगा |आरती में आता- तुम अंतर्यामी  | भगवान, तुम जानते हो, मेरे अंतर में घूस लेने की इच्छा है और तुम दिलाते भी हो |आरती की एक पंक्ति से मुझे भी आशा बंधती -श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा | मुझे लगता, जिस दिन इसे संत की सेवा करनी होगी, वह संत ढूंढ़ने दूर कहाँ जाएगा |मैं तो पड़ोस में ही रहता हूँ, पर उसने कभी मुझे संत के रूप में मान्यता नहीं दी |

   यह आदमी भी अगर मेरे पड़ोसी जैसा भगवद्भक्त होता, तो इसकी बीबी नहीं भागती | उसकी तो बीबी छोड़ गई है, मगर मेरे मन में दूसरी ही बातें उठने लगी हैं | मैं कहना चाहता हूँ-पगले, जमाने को समझ यह जमाना ही किसी समर्थ के घर में बैठ जाने का है | वह तो औरत है | तू राजनीति के मर्दों को तो देख | वे उसी के घर में बैठ जाते हैं, जो मंत्रिमण्डल बनाने में समर्थ हो ` शादी इस पार्टी से हुई थी तगर मंत्रिमण्डल दूसरी पार्टीवाला बनाने लगा, तो उसी की बहू बन गए |राजनीति के मर्दों ने वेश्याओं को मात कर दिया | किसी-किसी ने तो घंटे भर में तीन-तीन ख़सम बदल डाले | आदमी ही क्यों, समूचे राष्ट्र किसी समर्थ के घर में बैठ जाते हैं | इसी देश के कुछ लोग कहते हैं, कि स्वतंत्र विदेश नीति बदल डालो-याने औरत बनाकर देश को किसी बड़े के घर में बिठा दी |

    इन बातों से न उसे शांति मिलेगी न रास्ता मिलेगा | जिसकी बीबी छोड़ भागी है, उसका मन राजनीति में नहीं रम सकता।

वह कहता है वह बूढ़ा है, उसके बाप की उम्र का  |

वह जवान के घर बैठती, तो उसे शायद कम दुख होता | इस जवान को बूढ़े से हार जाने का विशेष दुःख है या अभी भी उस स्त्री के सुख का इसे ध्यान है |

इस अभागे को नहीं मालूम कि पैसे में बड़ी मर्दानगी होती है | आदमी मर्द नहीं होता, पैसा मर्द होता है | अमरीका के अच्छे-अच्छे जवान टापते रह गए |
और जेकलिन को ले गया बूढ़ा अरबपति जीनांसिस  |

       एक 60 साल के बूढ़े की तीन बीवियां मर चुकी थीं | बूढ़ा जायदाद वाला  | संतान कोई नहीं | उसे चौथी बीवी की ज़रूरत महसूस हुई | उसे बीबी तो चाहिए ही थी, जायदाद का वारिस भी चाहिए था | वारिस न हो तो जायदाद हाय-हाय करती रहती है कि मेरा क्या होगा? आदमी को आदमी नहीं चाहिए | जायदाद को आदमी चाहिए | बूढ़े की नजर गांव की एक कन्या पर थी | पर उसके मां-बाप राज़ी कैसे हों ? बूढ़ा चतुर था | उसने लड़की के रिश्तेदारों से कहा- चलो भैया,, तीरथ कर आएं | तीर्थ में उसने कुछ रुपये देकर साधु को मिला लिया | फिर लड़की के रिश्तेदारों के साथ उसके पास गया और हाथ दिखाया | साधु पहले से सधा हुआ था | उसने हाथ देखकर कहा- तुम्हारी एक और शादी होगी लिखी है बूढ़े ने बनकर कहा- अरे नहीं महात्मा, इस उम्र में माया जाल में मत फंसाओ | साधु ने कहा- तुम चाहो या नहीं, वह तो होगी | लिखी है | लिखी को कोई नहीं मिटा सकता | लड़का भी होगा | रिश्तेदारों ने गांव पहुंचकर लड़की को मां-बाप से कहा- उसके तो लिखी है | लड़का भी लिखा है | बहुत जायदाद है | लड़की को दे दो | लिखी थी, तो बूढ़े की शादी हो गई | सदियों से यह समाज लिखी पर चल रहा है | लिखाकर लाए हैं तो पीढ़ियां मैला ढो रही हैं और लिखाकर लाए हैं तो पीढ़ियां ऐशो-आराम भोग रही हैं | लिखी को मिटाने की कभी कोशिश ही नहीं हुई | दुनिया के कई समाजों ने लिखी को मिटा दिया | लिखी मिटती है | आसानी से नहीं मिटती तो लात मारकर मिटा दी जाती है | इधर कुछ लिखी मिट रही है | भूतपूर्व राजा-रानी की लिखी मिट गई | अछूतों के लड़के पढ़-लिखकर अफसर भी होने लगे हैं और जिन विप्र परिवारों में उनका बाप सफाई करता है, उनके लड़के उसे झुककर सलाम करते हैं | जो लिखाकर लाए थे कि इनके हमेशा चरण छुए जाएंगे, उनकी भी लिखी मिट रही है |

         यह जवान आदमी अगर यहीं मान ले कि वह औरत इसके नहीं लिखी थी उस पैसेवाले को लिखी थी, तो यह शांत हो सकता है |

       ऐसी घटनाएं होना जरूरी है | इनसे फिल्मों की बेवफाई के गाने बनते हैं | पर फिल्म में जो बेवफाई करती है वह पत्नी नहीं, प्रेमिका होती है और बावफा प्रेमी का काम आसान हो जाता है | वह 'हाय वेवफा' कहकर रोता है और हृदय-परिवर्तन की राह देखता है |

           प्रेमिका की बात अलग है, पत्नी की अलग | पश्चिम में कम-से-कम इतना कर लिया है कि पति-पत्नी की न घंटे तो तलाक ले लिया | मगर इस देश में चोरी छुपे का मामला है | यहां तलाक नहीं होता, औरत की नाक काट ली जाती है या उसकी हत्या कर दी जाती है | गांववाला कुल्हाड़ी से मारता है, शहरवाला जहर देता है |

यह आदमी क्या इरादा रखता है? मैं कहता हूँ तुम उस बूढ़े की औरत को भगा लाओ |

  वह कहता है-उसकी तो मर गई और होती भी तो उस बुढ़िया को लाता | 

   में कहता हूँ तो तुम दूसरी से शादी कर लो | उसने कहा-मेरा तो जी होता है कि जाकर उस हरामजादी के कलेजे में घुरा घुसेड़ दूं |

आखिर यह भी सच्चा भारतीय मर्द निकला | तलाक नहीं देगा, छुरा घुसेड़ेगा | यह समझता है कोई उसके घड़े को उठाकर ले गया है | यह उसे पत्थर से फोड़ना चाहता है मैं इसमें पानी नहीं पीऊंगा, तो तू भी नहीं पिएगा |

मैं कहता हूं-औरत प्रापर्टी नहीं है |

वह भर आँख मुझे देखता है | कहता है-औरत प्रॉपर्टी नहीं है?

मैं कहता हूं-नहीं |

यह नीचा सिर करके अपने-आप बार-बार कहता है-अच्छा, औरत प्रॉपर्टी नहीं है | हूं, औरत प्रॉपर्टी नहीं है |

8-10 बार ऐसा कहकर वह उठकर चला जाता है।

सोचता हूं, क्या यह उसे छुरे से मार डालेगा नहीं, वह कहता है-ऐसा जी होता है कि छुरा घुसेड़ दूं | जिसका जी होता है वह छुरा नहीं घुसेड़ता | मारने वाला पहले छुरा घुसेड़ता है, बाद में जी से पूछता है |

मैं उसे भूल जाता हूं | किसे फुरसत है कि पति को छोड़कर भागी औरतों का हिसाब रखे?

     एक दिन वह मुझे बस स्टेशन पर मिल जाता है | उसके पीछे एक औरत है | वह मुझे 'नमस्ते' करता है | उसी क्षण औरत थोड़ा-सा घूंघट कर लेती है | 

वह कहता है-यह मेरी बीवी है | मैं पूछता हूं तुमने दूसरी शादी कर ली, यह अच्छा किया |

उसने कहा- नहीं, वही है |

अरे, औरत को राजनीति की बीमारी लग गई | दो महीने में दो बार दल-बदल कर डाला |

वह मेरी तरफ अजब ढंग से देखता है | लगता है, कह रहा है-तुम तो कहते थे औरत प्रॉपर्टी नहीं है! अब देखो |

मैं औरत को देखता हूं | वह सचमुच प्रापर्टी की तरह ही खड़ी थी | 
_ हरिशंकर परसाई 

इस व्यंग्य को एक बार जरूर देखें और पढ़ें नीले रंग के अक्षरों पर क्लिक करके प्रेम की बिरादरी: हरीशंकर परसाई जी का सुप्रसिद्ध विचारोत्तेजक व्यंग्य


read satire in english by google translate 

'Jiske Chhod Bhagi Hai' (Suggestive Satire) : Harishankar Parsai

                This man who is sitting in front of me is young and sad.
It is a sin to see a young man sad.
But compulsion also leads to sin.
 The whole country is watching the soldiers suffering from unemployment and everyone is feeling the sin.
 Most of the sin is being felt by those lucky ones, whose deeds, inactions and misdeeds make him useless.
 So many sins and then this is such a good-healed! Has the quality of sin fallen? It's got mixed up too

No, you got it wrong. This young man is not sad because of unemployment. The job is his The job demands a wife - so she got married. Recently his wife has left him and settled in the house of a money man. She is sad I try to feel his sorrow. But how can I do? Whom I have never been, nor ran away, he cannot feel his sorrow. He has come to the wrong person for advice. She should have gone to such a man who has run away and asked him, brother, what is done on such an occasion. However, I am listening and trying to understand. Its salary is less. So it did not suit that woman to remain in the position of wife. He wanted to become the wife of more money. This man could not increase the income. Taking a bribe does not make it. Bribe makes family life happy. An old neighbor of mine was in the sales tax department and used to take huge bribes. His wife loved him so much that if he died, he would have committed sati on his funeral pyre. She would not have tolerated that her husband should take bribe in heaven and she would be deprived of his benefits here. What a happy people In the evening the whole family used to sing the aarti of God Jai Jagdish Hare! Auspicious work does not happen without God's cooperation. Comes ahead in Aarti – Let happiness and wealth come home! In the evening this thing was said and in the morning the happiness and wealth tied in the red clothes of the baniyas would come. Lord, you know, there is a desire to take bribe in my heart and you also give it. A line of aarti gives me hope too - increase faith - devotion, service to children. I think, the day he has to serve a saint, where will he go to find a saint. I live in the neighborhood, but he never recognized me as a saint.

   Had this man also been a devotee of God like my neighbor, his wife would not have run away. He has left his wife, but other things have started rising in my mind. I want to say - Pagle, understand the age, this is the time to sit in someone's house. She is a woman You look at the men of politics. They sit in the house of the one who is able to form the cabinet. The marriage was with this party, but when the cabinet started making another party, then he became his daughter-in-law. The men of politics defeated the prostitutes. Somebody changed three or three Khasam in an hour. Why only men, the whole nation sits in the house of a capable person. Some people of this country say that change the independent foreign policy - that is, by making a woman, she made the country sit in the house of an elder.

    These things will neither give him peace nor will he find a way. Whose wife has run away, his mind cannot be engrossed in politics.

He says he is old, of his father's age.

If she had sat at the young man's house, she might have felt less pain. This young man has a special sorrow of losing to the old man or is he still concerned about the happiness of that woman.

This unfortunate man does not know that there is great masculinity in money. Man is not man, money is man. The good soldiers of America kept getting stuck.
And Jacqueline was taken away by the old billionaire Geneansis.

       Three wives of a 60 year old man had died. old man No child He felt the need for a fourth wife. He not only wanted a wife, but also wanted an heir to the property. If there is no heir, the property keeps on saying what will happen to me? Man does not want man The man needs the property. The old man's eyes were on a village girl. But how could his parents agree? The old man was clever. He said to the relatives of the girl - come brother, do pilgrimage. In the pilgrimage, he joined the monk by giving some money. Then went to the girl's relatives with her and showed her hand. The monk was already fit. Seeing his hand, he said - you will have another marriage, the old man said, "Oh no Mahatma, don't get caught in the illusion at this age." The monk said - whether you want it or not, it will be there. is written No one can erase what is written. There will be a boy too. Relatives reached the village and told the girl to the parents - she has written it. The boy also wrote There is a lot of property Give it to the girl was written, then the old man got married. For centuries this society has been written but running. If we have brought it by writing, then the generations are carrying the scavengers and if they have brought it by writing, then the generations are enjoying the luxury. There was never an attempt to erase the writing. Many societies of the world have abolished writing. Write is erased If it is not easily erased then it is wiped away by kicking. Something written here is getting erased. The writings of the former king and queen were erased. The boys of the untouchables have started becoming officers after studying and writing, and in the Vipra families where their father cleans, their boys bow down and salute him. Those who brought it by writing that their feet will always be touched, their writings are also getting erased.

         If this young man believes right here that the woman had not written it, had written to that moneylender, then it can be calm. Such incidents need to happen. From these, the songs of infidelity of films are made. But the one who commits infidelity in the film is not the wife but the girlfriend and the work of the unfaithful lover becomes easy. He cries out saying 'Hi Wafa' and looks for a change of heart.

           Girlfriend's thing is different, wife's different. In the West, at least that much has been done that the husband and wife have divorced for hours. But there is a case of stealth in this country. Here there is no divorce, the woman's nose is cut off or she is killed. The villager kills with an axe, the townman gives poison.

What does this man intend? I say you drive away that old lady.

  He says - she has died and even if she had, she would have brought that old lady.

   I say then you marry another. He said - it is my heart that I should go and shove a knife in the heart of that haremzadi.

After all this also turned out to be a true Indian man. Will not divorce, will stab. It thinks that someone has taken away his pitcher. It wants to break it with a stone. I won't drink water in it, so you won't drink either.

I say a woman is not a property.

He stares at me with full eyes. It says - a woman is not a property?

I say no

It lowers its head and says to itself again and again - well, a woman is not a property. Yes, a woman is not a property.

After saying this 8-10 times, he gets up and leaves.

I wonder, will it not kill him with a knife, he says - it happens that I should stab him. Whoever has a soul does not stab. The killer first stabs, then asks Ji.

I forget him Who has the time to keep an account of the women who ran away from their husbands?

     One day he meets me at the bus station. There is a woman behind him. He greets me At that very moment the woman puts on a little veil.

He says - this is my wife. I ask you got married again, it's well done.
He said - no, it is the same.

Hey, the woman got the disease of politics. Changed twice in two months.

He looks at me strangely. It seems to be saying – you used to say that a woman is not a property! Now look

I see woman It really stood like a property.
_ Hari Shankar Parsai



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